चूत गांड X कहानी में मैं अपने चूची और चूतड़ बड़े करने के चक्कर में दो लड़कों से एक साथ चुदाने होटल के कमरे में चली गयी. वहां उन्होंने मेरी चूत के साथ मेरी गांड भी मारी.
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पाठको और पाठिकाओ, मैं आपकी प्यारी कोमल एक बार पुनः अपनी सेक्स कहानी में स्वागत करती हूँ.
कहानी के पिछले भाग
सेक्सी दिखने के चक्कर में चुद गयी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं पहली बार किसी गैर मर्द के सामने नंगी हुई थी और उसका लंड चूसने की कोशिश कर रही थी.
अब आगे चूत गांड X कहानी:
वह मेरे एक दूध को दबाता हुआ बोला- चल बहुत हुआ, तुझसे अभी लॉलीपॉप नहीं चूसी जाएगी … तू बेड पर आ जा. तुझे चुदना तो आता ही होगा!
यह कह कर उसने मुझे बेड पर चित लिटा दिया और हर्ष मेरे सामने अपना लंड हिलाता हुआ आ गया.
उसका लंड भी सेम ही था बस लोकेश से थोड़ा सा छोटा था.
वह लोकेश से बोला- अब तू इसकी चुत को चूस कर रेडी कर.
लोकेश ने मेरी चुत चूसनी शुरू की और दस मिनट तक चूसता रहा.
उस चुत चुसाई के दौरान मैं एक बार झड़ गई और झड़ी भी बहुत अच्छे तरीके से.
लोकेश ने मेरा सारा पानी पी लिया था.
दूसरी तरफ हर्ष मुझसे अपना लंड चुसवा रहा था, जिसकी वजह से मेरा मुँह दर्द होने लगा था.
अब लोकेश ने मेरी गांड उठाई और लंड मेरी चुत के पास ले जाकर चुत पर फेरने लगा.
मैं उसके लौड़े की गर्मी से मस्त होने लगी और जल्द से जल्द उसके लंड को अपनी चुत के अन्दर लेने की कामना करने लगी.
तभी लोकेश ने एक ही झटके में अपना लंड मेरी चुत के अन्दर डाल दिया.
मैं यह झटका सह ही पाई और मेरी चीख निकल गई ‘आआह हह मर गई आहह!’
तभी हर्ष ने मेरे मुँह में अपना पूरा लंड डाल दिया, जिसकी वजह से मैं चिल्ला ही नहीं पाई और ना चुत से लंड को हटा पाई.
उन दोनों की इस बेदर्दी से मैं पस्त हो गई थी. लोकेश का लंड मेरी चुत को फाड़ता सा महसूस हो रहा था.
मैं कराह उठी और तभी आगे से हर्ष ने मुँह में एक और झटका दे दिया.
उन दोनों के इन झटकों से मैं बस कराह रही थी.
वे दोनों मेरे शरीर की हालत बद से बदतर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे.
तभी लोकेश ने पुनः एक झटका दे दिया था, इससे उसका पूरा लंड मेरी चुत की जड़ तक अन्दर चला गया.
मैं फिर से चिल्लाई और हर्ष ने झट से मेरे मुँह को अपने पूरे लंड से बंद कर दिया.
मेरी आवाज़ जरा सी भी नहीं निकल रही थी, हर्ष ने अपना पूरा लंड मेरे गले तक ठांस दिया था और इस बार मेरे दो दाँत हर्ष के लंड पर लग गए थे.
उसको अपने लंड पर बहुत दर्द हुआ था, जिसकी वजह से उसने मेरे बाल पकड़ कर मुझे ऊपर उठाया और मेरे गाल पर एक झापड़ मार दिया- साली बहन की लौड़ी, लंड पर दांत लगा रही है कुतिया!
तभी लोकेश ने मेरी चुत में बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए।
उसके झटकों से पूरा बेड हिल रहा था.
मैं अपने आपको संभाल ही नहीं पा रही थी.
तभी हर्ष बोला- चल अब मुझे इसकी चुत चोदने दे … बहन की लौड़ी ने दांत मार कर लंड को काट खाया है.
लोकेश ने अपना लंड मेरी चुत से निकाला और उसकी जगह अब हर्ष मुझे चोदने लगा.
हर्ष गुस्से में था तो उसकी स्पीड भी बहुत तेज थी.
हर्ष भी अपना पूरा लंड बाहर तक निकाल कर एक तेज झटके से पूरा अन्दर डाल देता.
उसके झटके इतने ज़ोर ज़ोर से लग रहे थे कि मेरे मुँह से लार टपकने लगी और उसके तेज झटकों के कारण में अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी.
फिर दस मिनट बाद हर्ष ने अपने लंड का पानी मेरी चुत में निकाल दिया और मेरे ऊपर ही लेट गया.
मैं उसका पानी अपने अन्दर तक जाता हुआ महसूस कर रही थी.
सच में उसका माल बहुत गर्म था.
हर्ष अभी जवान था और जोश में था तो उसका जवान वीर्य मुझे अन्दर तक मजा दे रहा था.
हर्ष को हटे अभी कुछ ही सेकंड हुए थे कि तभी लोकेश आ गया और वह मेरे छेद में लंड पेल कर मुझे चोदने लगा.
पच पच की आवाज़ से पूरा कमरा गूंजने लगा.
मैं भी चिल्लाती रही.
उसने 20 मिनट तक मेरी चुदाई की और उसके बाद लोकेश ने भी अपना पानी मेरे अन्दर ही छोड़ दिया.
मैं थक कर लेट गई थी क्योंकि मैं आज पहली बार इतनी ज्यादा चुदी थी.
तभी हर्ष उठ गया और बोला- चलो कोमल जान, अब मैं तुम्हारी गांड की गर्मी देख लूँ!
उसने मुझे उठाया और सोफा पर ले जाकर पटक दिया.
कमरे में लगा सोफ़ा बहुत साफ्ट था तो मुझे बड़ा सुकून मिला.
उसने पहले मेरे बाल पकड़ कर मुझे अपना लंड चुसवाया.
फिर जब उसका लंड पूरा गीला हो गया तो वह मेरे पीछे आ गया और गांड के छेद पर लंड का सुपारा रगड़ने लगा.
मैं समझ चुकी थी कि अब मेरी X गांड भी इन दोनों के बड़े बड़े लंड से चुदेगी.
मैं उसे गांड चोदने से मना करने लगी लेकिन रोक नहीं पाई.
फिर उसने अवसर देख कर मुझे कसके पकड़ा और अपना आधा लंड मेरी गांड में डाल दिया.
एकदम से लंड मेरी गांड के छेद को फाड़ता हुआ घुसा तो मैं इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि मेरी गर्दन की नसें फूल गई थीं.
मैं उस झटके को सह नहीं पाई थी- आआह मम्मी रे … आआआह मार गई रे … हट जा साले मादरचोद.
उसने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और उसी पल एक दूसरा झटका दे मारा.
मेरी आह के साथ उसका पूरा लंड मेरी गांड के अन्दर चला गया था.
मैं चिल्लाना चाहती थी, लेकिन नहीं चिल्ला पाई.
मुझे उन दोनों ने बहुत कसके पकड़ा हुआ था.
मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे.
दो मिनट बाद मैं कुछ सामान्य हुई तो मेरी X गांड एक अनजाने मजा से हिलने लगी.
यह देख कर उसने फिर झटके देना शुरू कर दिए.
मुझे दर्द अभी भी बहुत हो रहा था लेकिन इस बार मेरे दर्द में मजा आ रहा था.
शायद मैं भी अपनी गांड की चुदाई का मजा लेने लगी थी.
उसने पूरे 20 मिनट तक मेरी गांड मारी और अपना पानी मेरी गांड में ही छोड़ दिया.
हर्ष के बाद लोकेश ने भी मुझे आराम नहीं करने दिया.
उसने भी किसी सड़क छाप कुतिया की तरह पटक पटक कर मेरी गांड मारी.
करीब आधा घंटा तक गांड का बाजा बजाने के बाद लोकेश ने भी पानी छोड़ दिया.
अब हम तीनों ने थोड़ी देर आराम किया.
उन दोनों ने एनर्जी ड्रिंक लिया और मुझे भी पिलाया.
सच में यह एनर्जी ड्रिंक बड़ा मस्त था.
पीते ही सारी थकान मिट गई.
तभी मेरी नजर उन दोनों की तरफ गई तो उनके लंड एकदम खड़े ही थे.
कड़क लंड देख कर मैं हैरान थी कि इनमें इतना स्टॅमिना कैसे आ गया कि लंड छत की तरफ देख रहे थे.
लोकेश नीचे लेट गया और उसने मुझे अपने ऊपर लेकर मेरे लिप्स चूसने शुरू कर दिया.
मैं मजे लेने लगी और नीचे से अपनी चुत को उसके लौड़े पर रगड़ने लगी।
उसने भी मेरी चुत में अपना लंड डाल दिया.
मुझे उसके खड़े लौड़े पर अपनी चुत फंसा कर कूदने में मजा आने लगा.
मुझे अहसास ही नहीं था कि अभी मेरे साथ क्या होने वाला है.
अभी मैं उसके लौड़े पर कूद ही रही थी कि तभी हर्ष मेरे पीछे से आया और उसने मेरी X गांड के छेद को थोड़ा सा खोला और एक ही बार में अपना लंड अन्दर डाल दिया.
इस बार डबल लंड मेरे आगे पीछे के छेद में एक साथ घुसे थे तो मेरे दर्द में दोगुना इजाफा हुआ.
मैं अभी चिल्लाना ही चाहती थी कि लेकिन तभी लोकेश ने मेरे मुँह को लिपलॉक कर लिया और वह मेरे मुँह को बंद करके धकापेल चोदने लगा.
उधर हर्ष मेरे दोनों दूध पकड़ कर मेरी गांड मार रहा था.
उन दोनों ने ऐसे ही 5 मिनट तक मुझे चोदा और मैं उनके हमलों से सहज होने लगी.
यह महसूस करते ही वे दोनों धीरे धीरे झटके देने लगे.
इससे मुझे भी अब मजा आने लगा.
करीब 40 मिनट तक अलग अलग पोजीशन में चोदने के बाद उन दोनों ने एक साथ ही मेरे अन्दर अपना अपना पानी छोड़ दिया.
अब तक मैं 3 बार झड़ चुकी थी.
हम तीनों अब बैठ गए थे. मेरी गांड नीचे सही नहीं लग रही थी, उसमें सूजन आ गई थी.
दोनों लंड के साथ सैंडविच सेक्स के बाद वे दोनों सिगरेट पीने लगे.
हर्ष ने मुझे भी सिगरेट दी तो मैंने भी एक कश लगाया.
फिर जब मैंने टाइम देखा तो दो बजने वाले थे.
मैंने कहा- अब मुझे जाना है, बहुत देर हो गई है.
वे भी थोड़ी ज़िद करने लगे थे कि नहीं अभी एक राउंड और करेंगे.
मेरे बहुत कहने पर वे दोनों भी मान गए.
उन्होंने मुझे कपड़े पहन लेने दिए और खुद भी पहनने लगे.
जब हम सब जाने के लिए रेडी हो गए तो हर्ष ने मुझे दस हजार रुपए दिए.
लोकेश ने कहा- अगली बार कब मिलोगी!
मैंने हंस कर कहा- जब बुलाओगे तो आ जाऊँगी!
उसने मुझसे मेरा नंबर माँगा तो मैं बोली- नहीं, सिमरन से बात कर लेना.
फिर जब मैं नीचे आ रही थी तो सब मुझे ही देख रहे थे क्योंकि मैं बहुत अजीब तरीके से चल रही थी.
दर्द के कारण धीरे धीरे चलते हुए मैं जैसे तैसे बाहर गेट तक आई और एक ऑटो बुला कर चल दी.
मेरे जाते ही वे दोनों भी निकल गए.
मैं कुछ देर बाद अपने घर आ गई और आते ही अपने बिस्तर पर गिर कर सो गई.
आज पहली बार मैं चुदाई में इतना ज्यादा थक गई थी कि क्या ही कहूँ!
बेरहम चुदाई का यह मीठा दर्द ऐसे ही 2 दिन तक रहा.
तीसरे दिन मंजू दीदी मेरे घर आईं और बोलीं- घूमने क्यों नहीं आ रही थी, क्या हुआ?
मैं दबी मुस्कान के साथ बोली- हालत ठीक नहीं थी!
वे बोलीं- अरे यार मुझे बताती तो … मैं तुझे चुटकियों में ठीक कर देती!
मैंने पूछा वह कैसे?
दीदी ने कहा- अरे यार उन दोनों से किसी और मर्द के ज्यादा मोटे लंड से चुदवा देती तो दर्द एक मिनट में भाग जाता! पैसे भी मिलते!
मैं बोली- नहीं नहीं, मुझसे एक का ही नहीं लिया जाता, दूसरा कहां से ले लूँगी!
तो मंजू दीदी बोलीं- तू मेरे साथ चला कर, तू भी बहुत मजा लेगी और खूब कमा भी सकती है. देख … मैंने इतना सब कुछ ऐसे ही बनाया है. अगर तेरे जैसी मुझे एक और मिल जाए तो दिक्कत ही कुछ ना रहे.
मैं चुप रही और मेरा जी फिर से ललचाने लगा।
दीदी ने मेरी आंखों की भाषा को पढ़ा और बोलीं- मैं आज रात के लिए जा रही हूँ। उधर 3 लंड मिलेंगे मुझे … आ जा, एक से तू भी मजा ले लेना. जो पैसे मिलेंगे उन्हें आधे आधे कर लेंगे!
मैंने ओके कह दिया.
उसके जाने के बाद मैं फिर से सिमरन को कॉल की और उससे बोली कि मैं ग्रुप में अच्छे से सेक्स करना चाहती हूँ.
तो उसने तीसरे दिन का फाइनल किया और मैंने अपनी लोकेशन भेजी.
मुझे पिक करने एक कार आई, जिसमें से एक लड़का उतरा, वह 27-28 साल का रहा होगा.
उसने मुझे अपने साथ चलने का बोला.
मैं जैसे ही गाड़ी में बैठी तो देखा कि उसमें 3 और मर्द बैठे थे।
वे भी उसी उम्र के लौंडे थे.
मैं पीछे की सीट पर बैठ गई और हम सब चल दिए.
अभी थोड़ी दूर ही गए थे कि पीछे जो लड़के बैठे थे, उनमें से एक ने मुझे दोनों के बीच में बैठने का कहा.
मैं बैठ गई.
अब एक मेरे बूब्स दबाने लगा और दूसरा मेरी जांघों पर हाथ फेरने लगा.
मैं उनका साथ देने लगी.
उस दिन मैंने जींस टी-शर्ट पहनी थी तो उन्होंने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे बूब्स दबाने लगे.
कुछ देर बाद उन्होंने मेरी जींस भी उतार कर मुझे ब्रा पैंटी में कर दिया.
वे दोनों मेरे जिस्म के साथ खेलने लगे और चुत में उंगली करने के साथ साथ मुझे भी गर्म करने लगे.
करीब 25-30 मिनट का रास्ता था, जिसमें उन्होंने मुझे खूब चूमा चाटा और अपना लंड भी चुसवाया.
सफर के बाद हम सब एक बड़े से फार्म हाउस में पहुँच गए.
उधर उन्होंने मुझे पूरी नंगी करके ही कार से नीचे उतारा और अन्दर ले गए.
दोस्तो, आपको मेरी चूत गांड X कहानी में मजा आ रहा होगा।
इसके अगले भाग में आपको कोमल एकदम प्रोफेशनल रंडी के अवतार में दिखेगी।
तो आप अगले भाग को पढ़ना न भूलिए व अभी इस सेक्स कहानी पर अपने कमेंट्स जरूर करें.
Credit : freesexkahani.com
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चूत गांड X कहानी का अगला भाग: सेक्सी फिगर बनाने के लिए खूब चुदी मैं- 3
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